ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं सौंः भुवनेश्वर्यै नमः॥ ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं क्लीं सौंः ऐं सौंः भुवनेश्वर्यै नमः॥ भावना की दृष्टि से यह स्थिति परिपूर्ण आत्मगौरव की अनुभूति है। वस्तु स्थिति की दृष्टि से इस स्तर का साधक ब्रह्मभूत होता है, ब्राह्मी स्थिति में रहता है। इसलिए उसकी व्यापकता https://www.youtube.com/shorts/cKmq5ar4qcw
Little Known Facts About Mahavidya bhuvneshwari.
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